सभी प्रमुख धार्मिक परम्पराएं मूल रूप से एक ही संदेश देती हैं – प्रेम , दया,और क्षमा , महत्वपूर्ण बात यह है कि ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा होनी चाहियें.
जब कभी संभव हो दयालु बने रहिये.यह हमेशा संभव है.
हम बाहरी दुनिया में कभी शांति नहीं पा सकते हैं, जब तक की हम अन्दर से शांत ना हों.
मैंने "भूल जाने की अवधारणा" में कभी भी विश्वास नहीं किया है. मैंने वास्तव में "स्वीकार करने की अवधारणा" में विश्वास किया है.
माफी का मतलब यह नहीं है "तुमने मेरे साथ जो किया ठीक है."
इसका मतलब यह है "मैं पिछली यादों को मेरे वर्तमान और भविष्य की खुशियों को बर्बाद करने की अनुमति नहीं दे रहा हूँ".
ऐसा करने से आपका अतीत मिट नहीं जाएगा, परन्तु आपका असंतोष और दर्द धीरे धीरे कम हो जाएगा.
आप अपने मन में घावों के साथ आगे नहीं बढ़ सकते.
क्षमा आत्म चिकित्सा है. क्षमा एक ऐसा उपहार है जो हम स्वयं को देते हैं .
माफ़ करने का मतलब किसी कैदी को आज़ाद करना है और ये जानना है कि आप ही वो कैदी थे .
ऐसा करने से आप उस घटना से सीखते हैं और अपने जीवन को एक नई दिशा देते हैं.
कभी भी अपने पास रखे तीन संसाधनों को मत भूलिए : प्रेम , प्रार्थना , और क्षमा .
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